इलायची अत्यंत सुगन्धित होने के कारण मुंह की बदबू को दूर करने के लिए बहुत ही प्रसिद्ध है। इसको पान में रखकर खाते हैं। सुगन्ध के लिए इसे शर्बतों और मिठाइयों में मिलाते हैं। मसालों तथा औषधियों में भी इसका प्रयोग किया जाता है। इलायची दो प्रकार की होती है। छोटी और बड़ी। छोटी इलायची मालाबार और गुजरात में अधिक पैदा होती है, और बड़ी इलायची उत्तर प्रदेश व उत्तरांचल के पहाड़ी क्षेत्रों तथा नेपाल में उत्पन्न होती है। दोनों प्रकार की इलायची के गुण समान होते हैं। छोटी इलायची अधिक सुगन्ध वाली होती है। बड़ी इलायची को ‘काली इलायची’, ‘भूरी इलायची’, ‘लाल इलायची’, ‘नेपाली इलायची’ या ‘बंगाल इलायची’ भी कहते हैं। इसका स्वाद छोटी इलायची से अलग होता है। इसमें फाइबर और ऑइल जैसे कुछ खास पोषक तत्व मिलते हैं जो कई तरह की बीमारियों को दूर करने में मददगार रहते हैं। बड़ी इलायची पाचन शक्ति को बढ़ाती है, भूख को बढ़ाती है, दस्त और जी मिचलाने को रोकती है। इसके दाने मसूढ़ों को स्वस्थ व मजबूत बनाते हैं। क्या कहना है एक्सपर्ट का – उत्तराखंड आयुर्वेद यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और एमडी-आयुर्वेद डॉ नवीन जोशी के मुताबिक, इलायची एंटीऑक्स...