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किडनी में मौजूद 'कचरे' को इन घरेलू तरीकों से बाहर निकालिए



किडनी में मौजूद कचरे को इन घरेलू तरीकों से बाहर निकालिए


जिस प्रकार हम अपने घर में पानी के फिल्टर की सफाई करते हैं, ठीक उसी प्रकार हमें हमारी किडनी की भी रोजाना सफाई करनी चाहिए। ऐसा करने से हमारे शरीर की गंदगी बाहर निकल जाती है। जैसा कि आप सभी जानते हैं कि किडनी हमारे शरीर का एक मुख्य हिस्सा है। यह हमारे ब्लड से नमक और शरीर से हानिकारक बैक्टीरिया को फिल्टर करके गंदगी को साफ करती है।

जिस प्रकार हम अपने घर में पानी के फिल्टर की सफाई करते हैं, ठीक उसी प्रकार हमें हमारी किडनी की भी रोजाना सफाई करनी चाहिए। ऐसा करने से हमारे शरीर की गंदगी बाहर निकल जाती है। जैसा कि आप सभी जानते हैं कि किडनी हमारे शरीर का एक मुख्य हिस्सा है। यह हमारे ब्लड से नमक और शरीर से हानिकारक बैक्टीरिया को फिल्टर करके गंदगी को साफ करती है।

जब किडनी में नमक का ज्यादा संचय हो जाता है तो उसके बाद उपचार की जरूरत पड़ती है। दरअसल किडनी में विषाक्त पदार्थ जमा हो जाते हैं। जिससे पथरी जैसी बीमारी हो सकती है। यही वो वजह है जिसके चलते किडनी की समय-समय पर सफाई बेहद जरूरी हो जाती है, ताकि हमारा स्वास्थ्य अच्छा बना रहे। इसलिए आज हम आपको बताने जा रहें हैं किडनी साफ करने के ये उपाय।


किडनी साफ करने के उपाय

पार्सले (Parsley) – आयुर्वेद या विश्व की लगभग सभी चिकित्सा पद्दति में पार्सले का नाम किडनी साफ़ करने के मामले में बहुत प्रचलित है। पार्सले में किडनियों को साफ़ करने की अद्भुत शक्ति होती है। इसके सेवन से पेशाब में बढ़ोतरी होती है तथा शरीर और किडनी में मौजूद विषैले तत्व पेशाब के रास्ते बाहर हो जाते हैं। पार्सले का सेवन कई तरीको से किया जा सकता है। आप पार्सले की चाय भी पी सकते है।

पार्सले की चाय बनाने के लिए आप एक चम्मच ताजे पार्सले के पत्ते को एक कप उबलते हुए पानी में डालकर ढँक दे। पांच मिनट बाद इस पानी को छान कर पी जाएँ। आप पार्सले के साथ एक और पेय पदार्थ बना सकते हैं। एक चौथाई कप पार्सले जूस में आधा कप पानी मिला ले। इसके बाद इस मिश्रण में थोड़ी सी शहद और नीम्बू की कुछ बूँदें डाल ले। आप इस मिश्रण को दिन में दो बार पियें। किडनी साफ़ रहेगी।

दही – दही में प्रोबॉयोटिक बैक्टीरिया होता है। यह पाचन क्रिया को अच्छा करता है। दही में पाया जाने वाला प्रोबॉयोटिक बैक्टीरिया किडनियों की सफाई तो करते ही हैं साथ ही उसमें मौजूद गुड बैक्टीरिया इम्यून सिस्टम को भी मजबूत बनाता है।

खाटमी (Marshmallow) – मार्शमैलौ जिसे भारत में खाटमी के नाम से जाना जाता है वो भी किडनी के को साफ़ करने में बहुत सहयक होता है। इसमें ऐसे तत्व मौजूद होते हैं जो मूत्र उत्सर्जन की प्रक्रिया में बढ़ोतरी लाते हैं। ज्यादा मूत्र उत्सर्जन के परिणामस्वरूप किडनी से टॉक्सिक पदार्थ बाहर आ जाते है और किडनी साफ़ हो जाती है। किडनी साफ़ करने के उद्देश्य में मार्शमैलौ के जड़ और पत्ते का इस्तेमाल होता है।

एक कप गर्म पानी में एक बड़ी चम्मच मार्शमैलौ की सुखी जड़ और पत्तियां डालकर ढँक दे। 10 मिनट ठंडा होने के लिए छोड़ दे। जब पानी ठंडा हो जाए तो छान लें। एक हफ्ते तक रोजाना दो बार इस चाय का सेवन करें।

लाल अंगूर – लाल अंगूर किडनी की सफाई के लिए एक अच्छा उपाय है। इसमें विटामिन सी पाया जाता है। लाल अंगूर में विटामिन ए और विटामिन बी6 की भी मात्रा पाई जाती है। पोटैशियम, कैल्शियम, फोलेट और आयरन से भरे लाल अंगूर खाने से पेट से जुड़ी समस्याएं, थकान और कब्ज नही होती है। यह किडनी के सभी विषैले तत्वों को बाहर निकालकर उसे स्वस्थ्य रखता है।

हल्दी (Turmeric) – हल्दी में भी डीटोक्सिफाई करने की अद्भुत क्षमता होती है । ये किडनी के साथ साथ लीवर और खून को भी साथ करता है तथा शरीर से हानिकारक तत्व बाहर कर देता है। एक छोटी चम्मच ताजे हल्दी के जूस में एक नीम्बू का रस मिलाएं फिर इस मिश्रण में एक चुटकी लाल मिर्च और शहद मिला दें। जब एक अलग मिश्रण तैयार हो जाएँ तो इस मिश्रण को एक कप गर्म पानी में डालकर पियें। इस से आप किडनी में किसी भी प्रकार के संक्रमण से भी सुरक्षित रहेंगे।

लाल शिमला मिर्च – लाल शिमला मिर्च में फोलिक एसिड, विटामिन ए, विटामिन बी6, विटामिन सी पाया जाता है। इसमें पौटेशियम की मात्रा कम होती है। इसलिए लाल शिमला मिर्च किडनी को साफ रखने के लिए बेहद उपयोगी मानी जाती है।
सेलेरी (Celery) – हरे रंग के इस पत्तेदार पौधे में मूत्रवर्धक तत्व होते हैं। इसके इस्तेमाल से पेशाब की मात्रा बढ़ती है और किडनी में मौजूद हानिकारक पदार्थ पेशाब के रास्ते शरीर से बाहर हो जाते हैं। आप इसका इस्तेमाल जूस के रूप में कर सकते हैं। आप इसकी पत्तियों का जूस बनाकर पी सकते हैं। रोजाना एक गिलास सेलेरी जूस पीने से आपकी किडनी में चमत्कारी परिवर्तन आ सकता है। किडनी पहले की तुलना में काफी स्वस्थ हो जायेगी। इस से किडनी में पत्थर बनने का ख़तरा भी काफी हद तक दूर हो जाएगा।

दूधी की जड़ (Dandelion Root) – Dandelion जिसे हिंदी में दूधी भी कहते हैं एक पीले रंग के फूलों का पौधा है। इसके अंदर मूत्रवर्धक तत्व पाये जाते हैं जो पेशाब की मात्रा बढ़ाते हैं। इसके सेवन से किडनी के साथ साथ लीवर भी साफ़ होता है। पेशाब नली में संक्रमण को भी इसके सेवन से खत्म किया जा सकता है। आमतौर पर इस पौधे का तना ही औसधि के रूप में इस्तेमाल होता है। इसके इस्तेमाल की विधि कुछ इस प्रकार है।

* दो छोटी चम्मच दूधी की जड़ को एक कप पानी में पांच मिनट तक उबाले। उबालने के बाद इसे दस मिनट तक यूँ ही छोड़ दे। दस मिनट बाद इसे छानकर शहद के साथ पियें। एक हफ्ते तक रोजाना दो बार इस चाय को पियें।
बिच्छू-बूटी (Stinging Nettle) – बिच्छू-बूटी जिसका वानस्पतिक नाम Urtica Dioica है, ये भी एक मूत्रवर्धक बूटी है जिसके सेवन से पेशाब बढ़ता है एवं किडनी से हानिकारक तत्व बाहर हो जाते है। ये किडनी के डिटॉक्सीफिकेशन में बहुत सहायक होता है। इसका इस्तेमाल आमतौर पर चाय के रूप में ही किया जाता है।

इसके चाय की बनाने की विधि कुछ इस प्रकार है। दो छोटी चम्मच ताज़ी बिच्छू बूटी की पत्तियां पानी में उबाल ले। उबलने के बाद दस मिनट तक ढँक कर छोड़ दे। दस मिनट बाद इसे छान ले और शहद मिलकर इस चाय का सेवन करें। लम्बे समय तक फायदे के लिए इसे हफ्ते भर रोजाना दो बार पियें।

अश्व पुच्छा (Horsetail) – अश्व पुच्छा एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है। किडनी को परिमार्जित करने के लिए आयुर्वेद के साथ अन्य चिकित्सा पद्दतियों में भी इसका वर्णन है। इसमें भी मूत्रवर्धक तत्व मौजूद होते है जो पेशाब बढ़ाते हैं और किडनी को डीटोक्सीफाई करते हैं। अगर आपको ये लेख पसंद आ रहा है तो कृपा हिमाचली खबर और गज़ब वायरल को डेली हंट में फॉलो करना न भूलें। ताकि आपको ऐसे ही और लेख पढ़ने को मिलते रहे। इसमें मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट्स मूत्र प्रणाली को उन्नत और मजबूत बनाती है और संक्रमण से बचाती है।

अश्व पुच्छा की चाय बनाने के लिए दो या तीन छोटी चम्मच अश्व पुच्छा की पत्तियां ले और एक कप उबलते पानी में डाल कर ढँक दे। पांच दस मिनट तक यूँ ही छोड़ दे फिर इसको छान कर शहद के साथ सेवन करें। अच्छे परिणाम के लिए ये चाय हफ्ते भर रोजाना दिन में दो तीन बार पियें।

मक्के का रेशा – मक्के के रेशे का भी इस्तेमाल किडनी से सम्बंधित समस्याओं के समाधान के लिए किया जाता है। इसके सेवन से मूत्राशय के संक्रमण, किडनी में पथरी और अन्य मूत्र समबन्धी विकार दूर होते हैं । इसके इस्तेमाल की विधि कुछ इस प्रकार है। दो छोटे चम्मच मक्के के रेशे को एक कप पानी में उबालें। उबालने के बाद दस मिनट तक छोड़ दें। फिर इस पानी को छान ले और शहद मिलाकर इसका सेवन करें।

मेथी (Fenugreek) – आमतौर पर मेथी का इस्तेमाल खाने में होता है पर मेथी के औषधीय गुण भी हैं। मेथी के इस्तेमाल से किडनी में पथरी के निर्माण को रोका जा सकता है। ये किडनी से यूरिया की मात्रा को कम करता है और हीमोग्लोबिन का निर्माण करता है।

रोज सुबह खाली पेट मेथी के पानी को पीने से भी किडनी साफ़ रहती है और कोई विकार उत्पन्न नहीं होता। हर रात सोने से पहले एक छोटे कप से आधा कप मेथी पानी में भिंगो ले और हर सुबह इस मेथी का पानी पियें। नियमित रूप से ये पानी पिने से किडनी सम्बन्धी रोगो के होने की सम्भावना कम हो जाती है।

नींबू – नींबू में विटामिन सी की मात्रा होती है। जो शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में सहायता करती है। बता दें कि हर दिन एक गिलास पानी में नींबू का रस निचोड़कर पीने से आप किडनी की सफाई कर सकते हैं। इससे किडनी संबंधी बीमारियों से भी लाभ होता है।

अदरक – किडनी की सफाई के लिए अदरक बेहद उपयोगी है। क्योंकि अदरक में क्लोरीन, आयोडीन, विटामिन व कैल्शियम सहित कई सारे पोषक तत्व होते हैं, जो किडनी से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाल देते हैं। अदरक का उपयोग करने से आप किडनी की समस्या से बच सकते हैं।

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