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वेस्ट यूपी में किसानों की ऐतिहासिक महापंचायत के बीच नरेश टिकैत का बडा ऐलान, जब तक…




मुजफ्फरनगर। दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली के दौरान हुए घटनाक्रम के बाद किसान आंदोलन नए मोड़ पर है। दिल्ली की सड़कों से लेकर लाल किले तक उपद्रव की तस्वीरों ने देश को विचलित किया। इन सबके बीच आंदोलन का अगला महापड़ाव मुजफ्फरनगर बन गया है। भारतीय किसान यूनियन (BKU) प्रवक्ता राकेश टिकैत की भावुक अपील के बाद जाट बेल्ट में किसानों ने आर-पार की लड़ाई का ऐलान किया है। यहां हो रही महापंचायत में कई पड़ोसी राज्यों के किसान भी जुटे हैं। ट्रैक्टरों पर सवार होकर भारी तादाद में किसान महापंचायत में पहुंचे हैं। भारी भीड़ को देखते हुए किसान नेता चौधरी नरेश टिकैत ने मंच से कहा कि हमारा आंदोलन जारी रहेगा।



बागपत पहुंचे जयंत चौधरी, सरकार पर भड़के
आरएलडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी शुक्रवार को पुलिस की लाठीचार्ज में घायल हुए किसानों का हाल-चाल जानने के लिए बागपत जनपद के बड़ौत पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा कि किसानों पर लाठी चलवा सरकार ने अपना इकबाल खो दिया है। इससे क्रूर और निर्दयी सरकार आज तक नहीं आई। मैं ऐसी सरकार को लानत भेजता हूं। उन्होंने कहा कि किसानों का बदन लोहा है, लेकिन दिल सोना है। इस आंदोलन को फिर से शुरू करने की आवश्यकता है। सोते हुए किसानों पर डाका डाला गया। उन पुलिसकर्मियों को भी थोड़ा लिहाज करना चाहिए था, मैं उसकी भी आलोचना करता हूं। जयंत ने कहा कि चौधरी साहब (अजित सिंह) ने भी कहा है कि यह हमारे जीवन मरण का सवाल है। किसे कुचलना चाह रही है सरकार, किस पर लठ चला रही है, किसान पर? सरकार को इसका खामियाजा भुगतना ही पड़ेगा।

मुजफ्फरनगर से ग्राउंड रिपोर्ट
गाजियाबाद में गाजीपुर बॉर्डर पर राकेश टिकैत की सिसकी के बाद मुजफ्फरनगर में माहौल गरमा गया। किसानों के मसीहा माने जाने वाले महेंद्र सिंह टिकैत की जन्मस्थली सिसौली को किसानों की राजधानी कहा जाता है। गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहे किसानों के आंदोलन के समर्थन में अब मुजफ्फरनगर में महापंचायत दोपहर 12 बजे के बाद से चल रही है। राजकीय इंटर कॉलेज के मैदान में हो रही महापंचायत में सुबह से ही किसान ट्रैक्टरों पर सवार होकर पहुंचने लगे थे। दोपहर होते-होते किसानों का रेला उमड़ पड़ा। इस बीच आरएलडी नेता जयंत चौधरी भी महापंचायत में पहुंच गए हैं। खबर है कि महापंचायत खत्म होने के बाद गाजीपुर बॉर्डर कूच करने की तैयारी है।



महापंचायत में किसानों का जनसैलाब उमड़ पड़ा है। किसानों के भारी तादाद में पहुंचने से शहर की ज्यादातर सड़कें जाम हो गई हैं। महापंचायत स्थल पर जगह नहीं मिलने से बहुत सारे किसान सड़कों पर ही ट्रैक्टर छोड़कर चले गए हैं। इसके बाद शहर में जाम लगता चला गया। महावीर चौक का पूरा बाजार बंद हो गया है। दहशत में आसपास के भी कई मार्केट बंद हैं। इस बीच किसानों की भीड़ और हालात को देखते हुए शहर के तीन थानों में तालाबंदी की गई है। नई मंडी कोतवाली में तो बाकायदा हथकड़ी लगाकर बंद किया गया है।

रैली के मंच पर भारतीय किसान यूनियन के नेता नरेश टिकैत मौजूद हैं। इसके अलावा 100 से ज्यादा किसान नेता इस महापंचायत में शामिल हो रहे हैं। इस दौरान किसान नेताओं ने बीजेपी को 2022 और 2024 के चुनाव में सबक सिखाने की चेतावनी दी है। बीकेयू नेता चन्दरबीर फौजी ने इस दौरान कहा कि राकेश टिकैत के हर आंसू का हिसाब सरकार से लिया जाएगा।

कोहरे की वजह से किसानों की महापंचायत थोड़ी देर से शुरू हुई। तय कार्यक्रम के मुताबिक इसे सुबह 11 बजे शुरू होना था। महापंचायत में जिस तरह किसानों के आने का सिलसिला चल रहा है, उससे प्रतीत हो रहा है कि महापंचायत ऐतिहासिक होगी। ट्रैक्टरों की लाइन के चलते कई जगहों पर जाम के हालात बन गए। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सिसौली का बाजार बंद है। इस बीच आस-पड़ोस के जिलों से भी ट्रैक्टरों पर सवार होकर किसान महापंचायत स्थल पर पहुंच रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक इस महापंचायत में किसान नेता गाजीपुर बॉर्डर के लिए पैदल मार्च का ऐलान कर सकते हैं।

इस बीच राष्ट्रीय लोकदल, समाजवादी पार्टी और कांग्रेस नेताओं के खुलकर समर्थन में आने से आंदोलन और गरमाने के आसार हैं। बीकेयू प्रमुख नरेश टिकैत ने किसानों को पूरी तरह शांति व्यवस्था बनाए रखने की हिदायत दी है। सिसौली महापंचायत में गाजीपुर बॉर्डर से धरना उठाने की घोषणा करने वाले नरेश टिकैत भी छोटे भाई राकेश टिकैत के भावुक होने के बाद अपने फैसले से पलट गए। देर रात इमरजेंसी पंचायत बुलाकर टिकैत ने किसानों से जल्द से जल्द गाजीपुर बॉर्डर पहुंचने के निर्देश दिए हैं।



सिसौली पंचायत में शुक्रवार को मुजफ्फरनगर शहर के राजकीय इंटर कॉलेज में महापंचायत का ऐलान कर दिया गया। नरेश टिकैत ने सरकार को चेतावनी दी कि अगर गाजीपुर में किसी किसान को खरोंच भी आई तो सरकार को सैकड़ो लाशों के ढेर से गुजरना पड़ेगा। कुछ पल बाद ही टिकैत का यह वीडियो वायरल हो गया। किसानों से कहा गया है कि महापंचायत में इतनी भीड़ जुट जाए कि सरकार को किसानों की एकता के सामने झुकने को मजबूर होना पड़े। रात भर बीकेयू के असर वाले गांवों में भीड़ जुटाने के लिए बैठकों का दौर चलता रहा। आरएलडी, कांग्रेस और एसपी ने भी महापंचायत को समर्थन देकर बीकेयू का मनोबल बढ़ा दिया। उधर महापंचायत के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखना पुलिस के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होगा। ऐसे में पूरी रेंज से पुलिस बल बुलाने के साथ अर्द्ध सैनिक बलों की तैनाती की है।

गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचे जयंत- कहा किसान नहीं झुकेगा
वेस्ट यूपी के कई जिलों की सीमा पर फोर्स तैनात है। कई गांवों में मंदिर-मस्जिदों से भी किसानों को महापंचायत में जुटने की अपील का इनपुट मिल रहा है। मुजफ्फरनगर के पूर्व सांसद और कांग्रेस नेता हरेंद्र मलिक ने महापंचायत का समर्थन किया है। मलिक ने खुद को राकेश टिकैत के साथ बताया और महापंचायत में शामिल होने की बात कही है। उधर गाजियाबाद-दिल्ली गाजीपुर बॉर्डर पर पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह के पौत्र और आरएलडी नेता जयंत चौधरी धरने में शामिल होने के लिए पहुंचे। उनके पिता और आरएलडी सुप्रीमो चौधरी अजित सिंह ने राकेश टिकैत को अपना पूरा समर्थन दिया है। जयंत ने कहा, ‘किसान नहीं दबेगा और वह झुकना नहीं जानता है। आंदोलन में शामिल किसानों को मैं हिम्मत बंधाने के लिए यहां पहुंचा हूं।’

मेरठ से ग्राउंड रिपोर्ट
किसान आंदोलन को देखते हुए जाटलैंड का सबसे बड़ा सेंटर मेरठ काफी संवेदनशील है। यहां जिला प्रशासन को इनपुट मिला था कि कुछ किसान गाजीपुर बॉर्डर पहुंच सकते हैं। मेरठ के रास्ते उत्तराखंड का हरिद्वार का इलाका और हरियाणा के सोनीपत-पानीपत के किसान भी आते हैं। इसके साथ ही बुलंदशहर, हापुड़, शामली, सहारनपुर, अमरोहा और मुरादाबाद के किसान महापंचायत में पहुंच रहे हैं। इन सबके बीच प्रशासन को कुछ जगहों पर टकराव की आशंका है।

कुछ जगह पुलिस किसानों को सीमा पर रोकने की कोशिश कर सकती है। हालांकि पुलिस अभी बैकफुट पर है। किसान नेताओं से अनाधिकारिक तौर पर बातचीत की भी कोशिश हो रही है। किसान नेता और बीकेयू अध्यक्ष मनोज त्यागी का कहना है कि किसान अपने हक के लिए लड़ता रहेगा। आंदोलन को और मजबूती से चलाया जाएगा। न हमने कानून दिल्ली में तोड़ा न यहां तोड़ेंगे। उधर बीकेयू का आरोप है कि यूपी सरकार किसानों की इज्जत को मिट्टी में मिलाने का प्रयास कर रही है। किसानों को अब इसका जवाब देना चाहिए। गाजीपुर बॉर्डर पर डटे राकेश टिकैत और किसानों को गाजियाबाद प्रशासन ने आधी रात तक धरना स्‍थल खाली करने का अल्‍टीमेटम दिया था।

बागपत से ग्राउंड रिपोर्ट
वेस्ट यूपी की किसान बेल्ट में बागपत एक बड़ा केंद्र है। नरेश टिकैत और राकेश टिकैत के ऐलान के बाद यहां के किसान भी समर्थन में कूद पड़े हैं। किसानों ने योगी सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है। गाजीपुर बॉर्डर पर राकेश टिकैत के आंसुओं के बाद माहौल पूरी तरह बदल गया। टिकैत के पैतृक गांव सिसौली के राजकीय इंटर कॉलेज मैदान में महापंचायत हो रही है। बागपत से भारी तादाद में किसान यहां पहुंच रहे हैं।

किसान संगठनों के साथ ही महापंचायत में चौधरी अजित सिंह की आरएलडी और खाप चौधरियों के भी शामिल होने की बात कही जा रही है। बीकेयू अध्यक्ष प्रताप गुर्जर का कहना है कि पंचायत में आरएलडी के अलावा अन्य किसान संगठन भी मुजफ्फरनगर के लिए जा रहे हैं। इसके अलावा बागपत में भी किसानों ने पंचायत रखी है। हालांकि एनबीटी ऑनलाइन संवाददाता ने जब किसान नेताओं से पूछा कि क्या दिल्ली-यूपी गाजीपुर बॉर्डर जाने की कोई तैयारी है तो उन्होंने फिलहाल इनकार किया है।

टिकैत बंधुओं को चौधरी अजित सिंह और उनके बेटे जयंत चौधरी का साथ भी मिल चुका है। किसान यूनियन के धरने का समर्थन करते हुए जयंत चौधरी ने गुरुवार शाम ट्वीट किया। अपने ट्वीट में उन्‍होंने लिखा, ‘अभी चौधरी अजित सिंह जी ने BKU के अध्यक्ष नरेश टिकैत जी और प्रवक्ता राकेश टिकैत जी से बात की है। चौधरी साहब ने संदेश दिया है कि चिंता मत करो, किसान के लिए जीवन-मरण का प्रश्न है। सबको एक होना है, साथ रहना है।’

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