
नये साल के आने के साथ ही देशभर में बहुत कुछ बदलने वाला है. 1 जनवरी 2021 से कई नियम बदल जाएंगे. इन नियमों के बदलने का सीधा असर आप पर पड़ने वाला है. इनमें से कई नियमों का प्रभाव तो इतना होगा कि यदि आपको पहले से इन नियमों की जानकारी नहीं हुई तो आपकी जेब कट सकती है.
कार्ड पेमेंट की मदद से ज्यादा अमाउंट में कर सकेंगे ट्रांजेक्शन
कोरोना काल शुरु होने के बाद से देश भर में डिजिटल पेमेंटल काफी चलन में आ गया. इसे देखते हुए RBI की ओर से लोगों को डिजिटल और कॉन्टैक्टलेस पेमेंट का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करने की सलाह कई बार दी गयी है. कॉन्टैक्टलेस कार्ड से पेमेंट को आसान बनाने के लिए ट्रांजेक्शन की लिमिट को बढ़ाकर 5000 रुपये प्रति ट्रांजेक्शन करने का फैसला लिया है.
अभी यह लिमिट 2000 रुपये है, बढ़ी हुई लिमिट 1 जनवरी 2021 से लागू दो जाएगी.
चेक में जरूरी डीटेल को दोबारा करना होगा कंफर्म
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कुछ दिनों पहले चेक से पेमेंट करने के लिए पॉजिटिव पे सिस्टम लागू करने का फैसला किया है. इस नए नियम में 50,000 रुपये से अधिक के पेमेंट पर जरूरी डीटेल को फिर से कंफर्म करने की जरूरत होगी. चेक से पेमेंट करने का यह नया नियम 1 जनवरी 2021 से लागू हो जाएगा. RBI के गवर्नर ने अगस्त में मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी यानी MPC की मीटिंग में इस बात का एलान किया था.
बाइक-कार की कीमतों में बढ़ोतरी
देश में लगभग सभी ऑटो कंपनियों ने 1 जनवरी से कीमतों में बढ़ोतरी करने का एलान किया है. इनमें बड़ी कार कंपनियां मारुति सुजुकी इंडिया, हीरो मोटोकॉर्प, रेनॉ, होंडा कार्स इंडिया, टाटा मोटर्स, एमजी मोटर इंडिया और महिंद्रा एंड महिंद्रा शामिल हैं. कार कंपनियों के साथ ही प्रमुख दोपहिया निर्माता कंपनी हीरो मोटोकॉर्प ने भी बाइक-स्कूटर की कीमतों में बढ़ोतरी का एलान किया है.
चोल प्लाजा पर फास्टैग होगा अनिवार्य
केंद्र सरकार ने टोल प्लाजा पर टोल कलेक्शन को आसान और सुरक्षित बनाने के साथ-साथ टोल पर लगने वाले लंबे जाम से निजात पाने के लिए सभी चौपहिया गाड़ियों के लिए 1 जनवरी से फास्टैग को अनिवार्य कर दिया है. लोगों की सुविधा के लिए टोल प्लाजा पर विभिन्न बैंकों के एजेंट व एनएचएआई की तरफ से काउंटर लगाए गये हैं. लोग अपने वाहन की आरसी व ड्राइविंग लाइसेंस अथवा आधार कार्ड दिखाकर हाथों हाथ फास्टैग खरीद सकते हैं.
100 करोड़ रुपये से अधिक के टर्नओवर पर ई-इनवॉइस जरुरी
एक जनवरी से ही जीएसटी कानून के तहत 100 करोड़ रुपये से अधिक का टर्नओवर होने पर बी2बी (बिजनस टु बिजनस) भुगतान के लिए ई-इनवॉइस जरूरी होगा. इसके अलावा एक अप्रैल से सभी करदाताओं के लिए बी2बी भुगतना पर ई-इनवॉइस जरूरी होगा. नई प्रणाली मौजूता इनवॉइस व्यवस्था की जगह लेगी। जल्द ही ई-वे बिल की मौजूदा व्यवस्था खत्म हो जाएगी और करदाताओं को अलग से ई-वे बिल बनाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
म्यूचुअल फंड के लिए भी बदलेंगे ये नियम
म्यूचुअल फंड निवेश के नियमों में भी पहली जनवरी से बदलाव होने जा रहा है. निवेशकों के हितों को ध्यान में रखते हुए बाजार नियामक सेबी ने म्यूचुअल फंड के नियमों में कुछ बदलाव किए हैं. नए नियम लागू होने के बाद फंड का 75 फीसद हिस्सा इक्विटी में निवेश करना अनिवार्य होगा, जो फिलहाल 65 फीसदी है.
यूपीआई भुगतान में देना पड़ सकता है अतिरिक्त शुल्क
एनपीसीआई ने 1 जनवरी से यूपीआई में प्रोसेस्ट ट्रांजेक्शन के कुल वॉल्यूम पर 30 फीसदी की सीमा लगाई है. यह प्रावधान सभी थर्ड पार्टी ऐप प्रदाता पर लागू होगा. इसके कारण ऐमजॉन, यूपीआई और फोनपे से भुगतान पर अतिरिक्त शुल्क देना पड़ सकता है. पेटीएम इस दायरे में नहीं है.
लैंडलाइन से मोबाइल पर फोन लगाने के लिए लगाना होगा 0
लैंडलाइन से मोबाइल पर कॉल करने के लिए 15 जनवरी से मोबाइल नंबर से पहले जीरो लगाना होगा. इस व्यवस्था से सेवा प्रदाता मोबाइल कंपनियां अधिक नंबर बना सकेंगी. हालांकि लैंडलाइन से लैंडलाइन, मोबाइल से लैंडलाइन और मोबाइल से मोबाइल पर कॉल करने के लिए डायलिंग प्लान में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
सरल जीवन बीमा लेना होगा आसान
लाइफ इंश्योरेंस लेने की सोच रहे हैं, उनके लिए अच्छी खबर है. नए साल से टर्म लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदना बहुत आसान होने वाला है. बीमा नियामक संस्था IRDAI ने सभी बीमा कंपनियों को अगले साल 1 जनवरी से सरल जीवन बीमा लॉन्च करने को कहा है. यह एक स्टैंडर्ड टर्म इंश्योरेंस होगी. इससे ग्राहकों को कंपनियों की ओर से पहले से दी गई जानकारियों के आधार पर फैसला लेने में मदद मिलेगी.
तिमाही रिटर्न और करों के मासिक भुगतान
सरकार ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली के तहत छोटे करदाताओं के लिए तिमाही रिटर्न दाखिल करने और करों के मासिक भुगतान (क्यूआरएमपी) की योजना शुरू की है. ऐसे करदाता जिनका पिछले वित्त वर्ष में वार्षिक कारोबार पांच करोड़ रुपये तक रहा है और जिन्होंने अपना अक्टूबर का जीएसटीआर-3बी (बिक्री) रिटर्न 30 नवंबर, 2020 तक जमा कर दिया है, वे इस योजना के पात्र हैं. जीएसटी परिषद ने बैठक में कहा था कि 5 करोड़ रुपये तक के कारोबार वाले पंजीकृत लोगों को 1 जनवरी, 2021 से अपना रिटर्न तिमाही आधार पर दखिल करने और करों का भुगतान मासिक आधार पर करने की अनुमति होगी.
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