सेब की खेती करके बने रईस: साल 2019 की बात है। मड़ावग भारत के सबसे अमीर गांव में शूमार था। ऐसा इसलिए क्योंकि यहां के किसानों ने सेबों की खेती की। इसका उत्पादन किया। सालाना करीब 7 लाख पेटी सेब का उत्पादन किया, जिसने किसानों को रईस बना दिया।
70 से 75 लाख रुपये है आमदनी - इस गांव में ना ही कोई उद्योगपति है और ना ही नामी कंपनियों में काम करने वाले लोग। यहां हर परिवार की सालाना आमदनी 70 से 75 लाख रुपये है।
सबसे बेस्ट क्वालिटी का सेब होता है: मड़ावग के किसानों ने बेस्ट क्वालिटी का सेब उगाया। यहां रॉयल एप्पल, रेड गोल्ड, गेल गाला जैसी सेब की बेस्ट क्वालिटी उगाई जाती हैं। साल 1989 तक यहां सेबों का नामो निशान तक नहीं था। साल 1990 में एक किसान ने प्रयोग किया था। वो सफल रहा। लिहाजा, उसके बाद यहां लोग सेबों की खेती करने लगे।
कई-कई दिनों तक खराब नहीं होते सेब: मड़ावग के सेब का साइज बहुत बड़ा है। इन सेबों की क्वालिटी इतनी अच्छी है कि यह जल्दी खराब ही नहीं होते। बच्चों की तरह लोग अपने सेब के बागानों की देखभाल करते हैं।
फसल को बचाने की करते रहते हैं जद्दोजहद: कई दफा ओले पड़ जाते हैं। बर्फ मात्रा से ज्यादा पड़ जाती है। तो किसान सेबों के पेड़ों पर नेट लगाते हैं। रात-रात भर जागकर उनकी रखवाली करते हैं। इंटरनेट के कारण किसानों को काफी फायदा हुआ है। वो रेट, वहीं बैठे-बैठे पता कर लेते हैं। फिर अपने सेबों को उचित दामों पर बेचते हैं।
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